नागपुर में कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बेटे निखिल गडकरी के कारोबार को लेकर सभी आरोपों को निराधार बताया।
“मेरा दिमाग 200 करोड़ रुपये महीना का है”
नितिन गडकरी ने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा, “मेरा दिमाग 200 करोड़ रुपये प्रति महीना का है। मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है और मैं नीचे गिरने वालों में से नहीं हूं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका काम केवल किसानों के भले और देश की प्रगति को ध्यान में रखकर किया जाता है, न कि निजी मुनाफ़े के लिए।
गडकरी ने साफ कहा कि वे ईमानदारी से कमाना जानते हैं और दलाली या गलत तरीकों से पैसा बनाने का काम कभी नहीं करेंगे।
“मैं कोई संत नहीं हूं”
गडकरी ने कहा कि वे भी एक परिवार और निजी जीवन रखते हैं। राजनीति से जुड़े होने के बावजूद उनका मन हमेशा विदर्भ के किसानों की स्थिति को लेकर व्यथित रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों की आत्महत्या का दर्द उन्हें लगातार परेशान करता है और जब तक किसान समृद्ध नहीं होंगे, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
बेटे के व्यवसाय पर दी सफाई
कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने अपने बेटे निखिल गडकरी के बिज़नेस मॉडल पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि उनके बेटे का आयात-निर्यात का कारोबार है। हाल ही में उसने ईरान से 800 कंटेनर सेब मंगवाए और भारत से 1,000 कंटेनर केले भेजे। साथ ही गोवा से मछली लेकर सर्बिया तक पहुंचाई और ऑस्ट्रेलिया में मिल्क पाउडर की फ़ैक्ट्री भी लगाई है।
गडकरी ने आगे कहा कि उनका बेटा आईटीसी के साथ मिलकर 26 चावल मिलें भी चला रहा है। इतना ही नहीं, उनके मुताबिक़ उसे पाँच लाख टन चावल के आटे की ज़रूरत होती है और इसी वजह से यह व्यवसाय खड़ा किया गया है। गडकरी ने इसे इस बात का उदाहरण बताया कि कैसे व्यापारिक सोच कृषि के क्षेत्र में नए अवसर पैदा कर सकती है।
“सोशल मीडिया पर पैसे देकर चल रहा अभियान”
गडकरी ने आरोप लगाया कि उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए एक सुनियोजित अभियान चलाया जा रहा है। उनके मुताबिक यह पूरा विवाद केवल अफवाहों पर आधारित है और हकीकत से इसका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने दोहराया कि इथेनॉल मिश्रण एक स्वदेशी, सस्ता और प्रदूषण मुक्त विकल्प है, जो भविष्य में देश की ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत बनाएगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध बयानों और समाचार सूचनाओं पर आधारित है। यहां व्यक्त विचार संबंधित व्यक्तियों के हैं। लेखक या प्रकाशक का इससे कोई व्यक्तिगत मत नहीं है।