भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी क्रिकेट मैच सिर्फ खेल नहीं होता, वह एक जुनून होता है। करोड़ों दिलों की धड़कनें इस मुकाबले से जुड़ी होती हैं, और ऐसे में हर पल का महत्व कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाता है। लेकिन एशिया कप 2025 के इस हाई-वोल्टेज मैच में एक ऐसा लम्हा सामने आया जिसने खेल से पहले ही सभी को चौंका दिया।
मैच शुरू होने से ठीक पहले टॉस की प्रक्रिया के दौरान जब पाकिस्तान का राष्ट्रगान बजाया जाना था, तभी अचानक स्पीकर पर एक पॉप सॉन्ग की धुन गूंज उठी – और वो गाना था ‘जलेबी बेबी’। कुछ पल के लिए जैसे समय थम सा गया। स्टेडियम में मौजूद खिलाड़ी, दर्शक और टीवी स्क्रीन के सामने बैठे करोड़ों लोग हैरान रह गए। पाकिस्तानी खिलाड़ी मैदान पर खड़े-खड़े असमंजस में दिखे, तो वहीं कुछ दर्शकों के चेहरे पर भी भ्रम और शर्मिंदगी की लकीरें साफ नज़र आईं।
हालांकि आयोजकों ने कुछ ही मिनटों बाद अपनी गलती सुधारी और सही राष्ट्रगान बजाया, लेकिन तब तक यह वाकया सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था। (X)ट्विटर से लेकर इंस्टाग्राम और यूट्यूब तक हर जगह यही चर्चा थी – क्या ऐसा मैच में हो सकता है? क्या यह सिर्फ एक तकनीकी गड़बड़ी थी या कुछ और?
यह घटना और भी संवेदनशील बन गई क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक रिश्तों की भी परछाई रहती है। इन हालातों में जब आयोजकों से ऐसी चूक हो जाती है, तो यह केवल तकनीकी गलती नहीं रह जाती – यह सम्मान, पहचान और भावना का मामला बन जाता है। पाकिस्तान की तरफ से कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया, लेकिन इस घटना ने उनके समर्थकों के बीच नाराजगी और शर्मिंदगी का माहौल जरूर बना दिया।
वहीं, मैच की शुरुआत भी कुछ कम नाटकीय नहीं रही। हार्दिक पंड्या ने अपनी पहली ही वैध गेंद पर पाकिस्तान के ओपनर सैम अयूब को आउट कर दिया। अयूब ने एक बाहर जाती गेंद पर ड्राइव लगाने की कोशिश की, जो सीधा पॉइंट पर खड़े जसप्रीत बुमराह के हाथों में जा पहुंचा। इस तरह हार्दिक पंड्या भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल में पहली गेंद पर विकेट लेने वाले केवल दूसरे गेंदबाज बन गए।
इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखा। अक्षर पटेल, बुमराह और कुलदीप यादव ने टॉप ऑर्डर को तहस-नहस कर दिया। कुछ ही ओवरों में ऐसा लगने लगा कि यह मुकाबला केवल रन और विकेट की नहीं, बल्कि धैर्य, भावनाओं और मानसिक मज़बूती की लड़ाई है।
राष्ट्रगान की गड़बड़ी और शुरुआती झटकों ने यह तो तय कर दिया कि भारत-पाकिस्तान मुकाबला कभी भी सामान्य नहीं हो सकता। यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि यादों, सम्मान और गर्व की जंग होती है – जिसमें एक-एक लम्हा इतिहास बन जाता है।
Disclaimer:
यह लेख केवल समाचार रिपोर्टिंग और घटनाओं के विश्लेषण के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें व्यक्त विचार निष्पक्ष हैं और किसी राष्ट्र, व्यक्ति या संस्था के प्रति पूर्वाग्रह नहीं रखते। इसमें उल्लिखित घटनाएं सार्वजनिक रिपोर्ट्स और वीडियो फुटेज पर आधारित हैं। कृपया इस लेख को खेल की भावना से पढ़ें, न कि राजनीतिक दृष्टिकोण से।